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इस नियम से रजिस्ट्री कराने में नहीं होगा नुकसान
उज्जैन. शहर में अमूमन मकान व भूखंड के होने वाले सौदे तय गाइड लाइन से ज्यादा की राशि में होते हैं। वहीं जब इनकी रजिस्ट्री करवाई जाती है सौदे में तय हुई राशि को छुपाकर गाइड लाइन की राशि से रजिस्ट्री करवाई जाती है। ऐसे में गाइड लाइन से अत्यधिक की राशि का दो नंबर में भुगतान करना होता है। लेकिन अब ऐसा करने से बचा जा सकता है। पंजीयन के नए नियमों के मुताबिक अब सौदे और गाइड लाइन के बीच की राशि के अंतर पर ५.१ फीसदी टैक्स देकर रजिस्ट्री करवाई जा सकती है।
पंजीयन विभाग में शहर में हर क्षेत्र की संपत्ति की दरें तय की हुई हैं। इन्हीं दरों के आधार पर संपत्तियों की रजिस्ट्री की जाती है लेकिन वास्तविकता में कई क्षेत्रों में संपत्ति की दरें गाइड लाइन से कहीं अधिक होती हैं। ऐसे में जब कोई संपत्ति बेची जाती है तो खरीदार और विक्रेता के बीच सौदा तो तय किए गए राशि के अनुरूप होता है। लेकिन जब संपत्ति की रजिस्ट्री करवाई जाती है तो गाइड लाइन के अनुसार होती है। ऐसे में खरीदार सौदे में तय ऊपर की राशि को दर्शाता नहीं है। बाद में यही राशि अन्यत्र तरीके से भुगतान की जाती है। पंजीयक विभाग के नए नियम के अनुसार यदि गाइड लाइन से ज्यादा की दरों पर संपत्ति खरीदने का सौदा किया है तो इस अतिरिक्त राशि को बगैर छुपाए रजिस्ट्री करवा सकते हैं। इसके लिए खरीदार को अंतर की राशि पर ५.१ प्रतिशत टैक्स (नगरीय सीमा के लिए) देना होगा। वहीं संपत्ति नगरीय सीमा से बाहर की है तो यह टैक्स २.१ फीसदी लगेगा। ऐसे में अतिरिक्त राशि के रूप में खरीदार को १२.५० की बजाय महज ५.१ फीसदी अधिक शुल्क देकर एक नंबर में ही रजिस्ट्री हो जाएगी।
ऐसे समझें सौदे के अनुसार रजिस्ट्री
नानाखेड़ा क्षेत्र में कोई व्यक्ति ४० लाख रुपए का मकान खरीदने का सौदा करता है। वहीं गाइड लाइन के अनुसार इसकी कीमत महज २५ लाख रुपए आ रही है। यदि वह सौदे के मुताबिक ४० लाख रुपए की रजिस्ट्री करवाता है तो उसे गाइड लाइन के २५ लाख पर १२.५० प्रतिशत तथा शेष १५ लाख की राशि पर ५.१ प्रतिशत टैक्स देना होगा। इस टैक्स में एक प्रतिशत स्टाम्प शुल्क, ३ प्रतिशत नगर निगम शुल्क, १ प्रतिशत जनपद शुल्क व ०.१ प्रतिशत उपकर लगेगा, जबकि पूर्व में उसे १५ लाख रुपए पर भी १२.५० प्रतिशत के मान से टैक्स देना होता था।
टैक्स चोरी व एक नंबर में होगा काम
भरतपुरी पंजीयक एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मरमट ने बताया कि अधिकांश सौदे गाइड लाइन से ज्यादा दरों पर होते हंै। लेकिन रजिस्ट्री गाइड लाइन पर ही होती है। नए नियम से अब टैक्स चोरी रुकेगी वहीं ईमानदार व्यक्ति को एक नंबर में ही सौदा कर सकेगा। मरमट के अनुसार इससे संपत्ति ब्लैकमनी लगना भी बंद होगी।
इनका कहना
खरीदार अब नए नियम के तहत तय सौदे के मुताबिक भी रजिस्ट्री करवा सकता है। इसमें गाइड लाइन की राशि के तो १२.५० प्रतिशत तथा अंतर की राशि पर ५.१ फीसदी राशि टैक्स देना होगा।
– शैलेंद्र दण्डोतिया, वरिष्ठ पंजीयक, पंजीयन विभाग